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Tuesday 23 July 2013

चौहानों की खापें ८ .रायजादे 9 चाह्ड़दे १०.नाडोलिया ११ सोनगरा चौहान

८.रायजादे चौहान :- विग्रहराज चतुर्थ के पुत्र गागेय के बाद अजमेर की गद्धी पर बैठने वाले राजा के प्रति विद्रोह हुआ | नागार्जुन चौहान बचकर फतहपुरा ( यु.पी.) की तरह चला गया | वहीँ उसने अपना नाम रायमन सहदेव रखा | उसके वंशज रायजादे चौहान कहलाये | अब यह बांदा ,फतहपुर ,इलाहबाद आदी जिलों में रहते है

9 चाहड़दे चौहान :-नीमराणा के चौहानों से निकास बताया जाता है परन्तु चाहड़दे सोमेश्वर का पुत्र और प्रथ्विराज चौहान का भाई था | अतः चाहड़दे की उत्पति उपयुर्क्त चाहड़दे से होनी चाहिए | ये राजस्थान के अलवर क्षेत्र व् हरियाणा में भारी मात्र में है

१०.नाडोलिया चौहान :- नाडोल से निकास के कारन नाडोलिया चौहान कहलाये | लाखन नाडोल के 24 पुत्रों से चौहानों की 24 खापों के निकास की बात कही जाती है पर यह मत इतिहास की कसोटी पर खरा नहीं उतरता है | पर हाँ यह सत्य हे की लाखन के वंशधरों से हि चौहानो की अधिकतर खापों का निकास हुआ है|

11.सोनगरा चौहान :-नाडोल राज्य के संस्थापक लक्ष्मण के बाद क्रमशः बलिराज ,विग्रह्राज ,महेंद्रराज ,अहिल ,अणहिल ,जेंद्रराज ,आसराज व् अल्हण हुए | अल्हण के पुत्र कीर्तिपाल (कीतू) ने जाबलीपुर (जालोर ) विजय किया जाबालीपुर को स्वर्णगिरी भी कहा जाता है | इस स्वर्णगिरी (जालोर ) के चौहान कीतू के वंशज स्वर्णगिरी (सोनगरा ) चौहान कहलाये | जालोर इनका मुख्या राज्य था | यह बड़े वीर थे | इनमे कान्हड़देव व् उनके पुत्र वीरमदेव इतिहास में प्रसिद्ध है | अखेराज सोनगरा ने सुमेल युद्ध में ऐक सेनापति के रूप में अद्भुत वीरता दिखाते हुए वीरगति पायी |

१२,अखेराज सोनगरा :- जालोर के प्रसिद्ध शासक कान्हड़देव सांवतसिंह ,सोनगरा के पुत्र थे | इनके छोटे भाई मालदेव थे | मालदेव के बाद क्रमशः बणवीर ,राना ,सता ,खींवा ,रणधीर व् अखेराज हुए | इसी अखेराज के वंशज अखेराज सोनगरा कहलाये | अखेराज आपने समय में बड़े वीर हुए | यह पाली ठिकाने के अधिपति थे | उनकी पुत्री जयंती देवी राना उदयसिंह को ब्याही | जिनके गर्भ से महाराणा प्रताप जैसे रणभट्ट उतपन्न हुए | सुमेल के युद्ध में विक्रमी 1600 में राव मालदेव के जोधपुर के पक्ष में लड़े और अद्भुत वीरता दिखाते हुए रणखेत में रहे | इनके मालसिंह ,भाणसिंह ,उदयसिंह ,भोजराज ,जयमल व् रतनसिंह पुत्र थे | मानसिंह विक्रमी १६३३ के हल्दीघाटी के युद्ध में राना प्रताप के पक्ष में लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए | उनके पुत्र जसवंतसिंह राना प्रताप के छापामार युधों में सामिल रहे | राजा उदयसिंह ने उनको बुलाया वि.१६६५ के आसपास पाली ठिकाना छूट गया तब वे उदयपुर राना के पास गए |
जसवंतसिंह के 11 पुत्र थे | इनमे सबसे बड़े पुत्र वीरमदेव थे | इनके ऐक पुत्र जगन्नाथ को सं .१६७७ में पाली का ठिकाना मिला पर १६९१ में पाली फिर छूट गयी | इनके ऐक पुत्र श्यामसिंह के जोधपुर रियासत के गुढ़ों -भाद्रजूण का ठिकाना मिला | जसवंतसिंह के पुत्र राजसिंह के भी पाली वि.१६७२ में पाली का ठिकाना रहा बाद में छूट गया | श्यामसिंह के पुत्र उदयभानसिंह ,महाराजा जसवंतसिंह के साथ कई लड़ाइयों में लड़े | इनके अन्य भाईयों को मालवा ने जमींदारिया मिली | उदयभानसिंह के पुत्र भोपतसिंह को रतलाम राजा की सराहनीय सेवा करने एवम वीरता दिखने के कारन ५ गाँवो सहिल नामली का ठिकाना वि.१७८८ में मिला | इनके वंशजों की रतलाम राज्य में बाजड़ा ,सकरवाद सिरखेड़ी ,भदवासा ,जावरा राज्य में बदगढ़ ,सैलाना राज्य में गुणावद ग्वालियर राज्य में बानीखेड़ी आदी की जमींदारिया थी | रतलाम पर बापूराय सिंधिया द्वारा आक्रमण करने पर तेजसिंह रणखेत रहे | तेजसिंह के वंशजों के लावा मालवा में अन्य अखेराज सोनगरों की अरजला ,अरसंदला ,उमरने,नलकोई,पीपलखूंटा ,झरखेड़ी ,काडरवास आदी गाँवो की जमींदारिया थी जहाँ इनके वंशज आज भी निवास करते है |

सोनगरों की निम्न खापें
१.बोडा :- कीर्तिपाल (जालोर ) के बाद क्रमशः समरसिंह ,भाखरसी व् बोडा हुए | इसी बोडा के वंशज बोडा सोनगरा है | जालोर जिले में sena परगना इनके अधिकार में था |
२.रुपसिहोत:- रूपसिंह सोनगरा के वंशज | पाली जिले में इनके वंशज
३.मानसिहोत :- अखेराज सोनगरा के पुत्र मानसिंह के वंशज पली जिले में इनके वंशज भी |

४.भानसीहोत :- अखेराज के पुत्र भानसिंह के वंशज | पाली जिले में है | बीकानेर ,जोधपुर आदी इलाकों में भी इनके वंशज है |
५.चाँदण :-  सोनगरा चौहानों की साखा है | शीशेदा का राना हम्मीर अरिसिंह भी चंदाना चौहान राणी का पुत्र था |

६.हापड़ :- कीर्तिपाल (कीतू ) जालोर के बाद क्रमशः समरसिंह उदयसिंह ,चाचकदे व् सामंतसिंह हुए | सामंतसिंह के बड़े पुत्र कानड़देव जालोर के शासक हुए | छोटे पुत्र हापड़ सोनगरा कहलाये |

७.बाघोड़ा:- कान्हड़दे (जालोर ) के पुत्र वीरमदे के भतीजे बाघ के वंशज बाघोड़ा सोनगरा कहलाये | बीकानेर के पास नाल गाँव में बाघोड़ा सोनगरा है |
१.भील बघोड़ा:- वीरमदे के भतीजे बाघ के पुत्र भीला के वंशज
२.रोहेचा बघोड़ा :- रोह गाँव में रहने के कारन बाघ के वंशज रोहेचा बाघोड़ा कहलाये |

८.बालेचा:- सोनिगरो की साखा है | किसी बाला नामक के वंशज हो सकते है | टोडा ( मालपुरा ) में इनका शासन था |
9.अबसी:- कीर्तिपाल जालोर के पुत्र अबसी के वंशज कहलाये अबसी सोनगरा |

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