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Monday 15 July 2013

६.भड़ोच गुजरात राज्य और ७.धोलपुर (धवलपुरी ) राज्य चौहान राजवंश के

६.भड़ोच (गुजरात ) राज्य :- भड़ोच क्षेत्र के हाँसोट गाँव से चौहान शासक भर्तव्ढढद्वित्य का दानपात्र मिला है जो वि.सं.८१३ का है | इस दानपात्र से पाया जाता है की भर्तवढढ द्बितीय नागाव्लोक का सामंत था | इससे जाना जा सकता है की वि.८१३ में चौहानों का भड़ोच के आसपास राज्य था | ये चौहान भड़ोच में कहाँ से गए कोई जानकारी प्राप्त नहीं है होती | प्रथ्विराज विजय तथा बिजोलिया शिलालेख (वि.१२२६ ) से मालूम पड़ता है की सामंत नामक व्यक्ति से अजमेर के चौहानों का वंशक्रम शुरू हुआ | सामंत का समय वि 750 के लगभग पड़ता है | यह भर्तवढढ द्वितीय का समय ८१३ वि. है | यह द्वितीय है | अतः इससे पूर्व भी यहाँ शासन चार --पांच व्यक्ति अवश्य हुए है | इस द्रष्टि से भड़ोच में चौहानों का शासन 750 विक्रमी के करीब पहुँच जाता है | अतः भर्तभट चौहान 11 अजमेर के चौहानों के पूर्वज सामंत का वंशज हो सकता है या यह भी संभव है की भर्त भर्तवढढ ११ ( भड़ोच का चौहान वंश ) सामंत के पहले से हि गुजरात में भड़ोच के आसपास शासन करता है |

७.धोलपुर (धवलपुरी ) राज्य :- राजस्थान में विक्रम की 9 वीं शताब्दी में धोलपुर के पास चौहान शासन करते थे | धोलपुर के बैसाख सुदी २ रविवार वि.सं.८९८ के शिलालेख में लिखा है की चाहवाण चंणडमहासेन ने चंड स्वामी का देव भवन बनवाया | इस शिलालेख में चंडमहासेन के पिता का नाम महिष राम व् दादा का नाम ईसुक भी अंकित किया गया है | कलचुरी वंश के कोक्क्ल ने जब चंडमहासेन पर ८९८ वि.में आक्रमण किया तब हूणों ने चंडमहासेन की सहायता की | यह शिलालेख इस बात का साक्षी है की ईसुक का समय ८४८ वि.के लगभग अवश्य था | सामंत (सांभर ) का समय वि 750 के लगभग माना जा सकता है | इस द्रष्टि से ईसुक सामंत का वंशज हो सकता है | परन्तु शिलालेख से इस बात की पुष्टि नहीं होती | अतः धवलपुरी के चौहान सामंत से पहले हि फंटे हुए हो सकते है |

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