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Saturday 20 July 2013

चौहानों की खापें :- चौहान की सम्पूरण खापें

१.चौहान :- सूर्यवंशी चौहान नामक वीर पुरुष के वंशज चौहान कहलाते है | अजमेर नाडोल ,रणथम्भोर आदी चौहानों के प्रसिद्द राज्य थे | बीकानेर रियासत में घांघू , प्रसिद्द ठिकाने थे | ददरेवा के शासक की उपाधि राना थी | कयाम खां की रासा से ज्ञात होता हे की चौहानों की बड़ी साखा के मानकदेव के वंशजों ने सांभर -अजमेर राज्य कायम किया  ( चाहुवान सूत मुनि अरी ,मुनि मानिक जैपाल | हेक भयो जोगी अमर तीन भोवाल | मानिक कुल प्रथिराज भयो सोमेसुर को अंश | जिते राठ चाहुवान है ,ते अरिमुनी के वंश |
सांभर अजमेर के चौहानों का आदी पुरुष ,,माणिक्यराव (माणक ) थे | इसकी पुश्टी लूम्भा देवड़ा के अचलेश्वर ( आबू ) शिलालेख वि.1377 से भी होती है | शिलालेख में लिखा है -
शाकम्भरी पूर्व यदा पुरावे माणीक्यसंज्ञ पुरुष प्रवीर :|
स्वनीर्यधैर्यार्जित भूमि भागो नददुर्ल (तद्वंश ) द लक्ष्मनोअभुन्त्या '' || १२ || राव चितलवाना के सोजन्य से )  और छोटी शाखा के मुनि और अरिमुनी हुए | अरिमुनी के वंशज राठ के चौहान है | मुनि के वंश में भोपाल ,कहललंग ,घंघरान हुए जिन्होंने जांगल प्रदेश में कुचोर में शासन किया |  घंघरान के कन्ह ,चंद व् इन्द हुए | कन्ह के चार पुत्र जेवर व् जेवर के पुत्र गूगा हुए | गूगा ददरेवा ( चुरू ) राजस्थान के शासक थे | गूगा ने महमूद गजनवी के विरुद्ध युद्ध किया और संभवत ई.१०२५-26 के युद्ध में काम आये | गोगाजी लोक देवता माने जाते है | गोगाजी का स्थान गंगानगर जिले में गोगामेडी पवित्र स्थान है | लाखों तीर्थ यात्री भादवा के महीने में यहाँ आते है ,ऐक बड़ा मेला लगता है | फिरोज तुगलक के समय ददरेवा में gogaji के वंशज मोटेराय शासन करते थे | उनके ऐक पुत्र करमचंद को फिरोज तुगलक की सेना वि, 1440 में पकड़ कर ले गए use इस्लाम धर्म स्वीकार करवाया गया | इसी करमचंद के वंशज क्यामखानी मुसलमान है |  कुचेर -ददरेवा के प्रायः चौहान मुसलमान गए | जिनमे मोहिल ,चाहिल आदी पहले चौहान हि थे लेकिन अब प्रायः मुसलमान है | बहुत कम हिन्दू चौहान रह गए है |
मानिक के वंशधर चौहानों में ११९२ ई. में जब प्रथ्विराज मुहम्मद गोरी से पराजीत हो गया और उनका अजमेर राज्य समाप्त हुआ ,तब अजमेर के बहुत से चौहान इधर -उधर बिखरे |
प्रथ्विराज के काका कान्ह के बाद क्रमशः विजयराज ,लाखनसिंह ( कर्नल टाड ने लाखनसिंह को प्रथ्विराज के भाई चाहड़ का वंशज लिखा है | मकराना काका कान्ह के वंशजों का ठिकाना था |)हुए |
लाखन सिंह मांढण आये | लाखन सिंह के 22 पुत्र थे | बड़े पुत्र लाखन गद्धी पर रहे | दुसरे पुत्रों में क्रमश वीर,सुमेरा ,(ईटावा ) ब्रह्मदेव (जानवे ) बुधसी ( काँटी ) सूरतसिंह (काले पहाड़ ) माधवचन्द और इंद्रदेव (लालसोट ) वीरमदेव ,वलदेव (कुमायु ) हर्ष देव (हरसरू ) धूलर्क ,रामदेव (शोखर) ,साहसमल (बावल ),ल्हारे (जसराणा ) स्थानों पर जम बैठे | मांढण के शासक लाह के पुत्र अजनदेव हुए | अजनदेव के बड़े पुत्र मदनसिंह मंडावर रहे व् छोटे पुत्र बिड़ददेव बरडोद जा टिके | तीसरे पुत्र कीर्तिपाल ने दूनी पर अधिकार कर लिया | मदनसिंह के बाद क्रमश पदमसिंह ,मोकल व् धीरदेव हुए | धीरदेव के 19 पुत्र हुए | बड़े पुत्र अनेसिंह मंडावर रहे | शेष पुत्रों में खेतसी (रताय ) ,जैतसी (कांकर ),अजयराज (मोरडै),जगसहाय (खुदरोठ ) ,दूलोजी (बघीण),मदनसिंह (कूल ) हाथीराम (आंतेला) ,पान्चोजी (पंचपहाड़ी ) ,बाघसिंह (बसइ ) ,चन्द्रसेन ,भोजराज (महापुर ) ,उदैपाल (चानसूर ),गिरिराज (गिरिराज )जमकर बैठ गए |
इनमे अधिकतर गाँव जयपुर व् अलवर के बहड़ हुए | बहड़ के तीन पुत्र हुए | बड़े पुत्र हालाजी मंडावर रहे | छोटे हमरीपुर तीसरे वीरमदेव ने बीजावड़ पर अधिकार किया | हालाजी के तीसरे पुत्र रामदेव ने वि.सं. १५२१ में नीमराणा पर अधिकार किया | राजदेव के बाद पूरनमल गद्धी बैठे | पूर्णमल के बाद बीझोजी १५७५ वि.में गद्धी पर बैठे | उनके छोटे पुत्रों ने रोहिताश्व (टांकड़ी ) ,पीपाजी (राजगढ़ ),सालमदे एवम मेलोजी (कूतीणा ),माणकचन्द (गिगलनै ) |गोपीनाथ (खूदरोठ ) आदी स्थानों पर बस गए |
नीमराना के राजा बीजोजी के पुत्र नरुजी के जैतसी व् कुम्भाजी हुए | कुम्भाजी बेलणी चले गए | जैतसी के पुत्र प्रतापसिंह नीमराणा व् छोटे पुत्र लाखाजी गिगलाणा गए | प्रतापसिंह के पुत्र डूंगरसिंह के खड्गसिंह व् रामदास हुए | रामदास ने रामपुरा चौहानों का बसाया
राजस्थान के बहुत से चौहान उतरप्रदेश मध्यप्रदेश आदी क्षेत्रों में भी चले गए और वहां से देश के विभिन्न भागों में चले गे थे | हरियाणा के करनाल ,कुरुक्षेत्र ,पंजाब के बम्बाला आदी क्षेत्रों में यु,पी के मुज्जफरनगर ,इटावा ,मैनपुरी ,फ़ैजाबाद ,प्रयाग ,सुल्तानपुरा ,आजमगढ़ ,आगरा ,मेरठ ,बनारस ,उन्नाव ,गाजीपुर आदी क्षेत्रों में उड़ीसा के सोनपुर ,बारीया आदी क्षेत्रों में तथा हिमाचल में जम्मू कश्मीर आदी क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में चौहान निवास करते है |

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